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क्या आपके हार्मोन आपकी त्वचा को प्रभावित कर रहे हैं? जानें इसके पीछे का सच!

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हार्मोन और त्वचा का संबंध

Hormone aur Aapki Twacha How Hormonal Changes effect Your Skin (social media)


हार्मोन और त्वचा: हर कोई चाहता है कि उसकी त्वचा स्वस्थ, साफ और आकर्षक दिखे। इसके लिए हम विभिन्न क्रीम, लोशन, घरेलू उपाय और महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी त्वचा की असली सेहत हार्मोन से नियंत्रित होती है? हां, हार्मोन हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाले रासायनिक तत्व हैं, जो रक्त के माध्यम से विभिन्न अंगों पर प्रभाव डालते हैं।




ये हार्मोन हमारे विकास, ऊर्जा, मूड, भूख, नींद और त्वचा की रंगत, चमक और बनावट को प्रभावित करते हैं। हालांकि, अधिकांश लोग हार्मोन के बारे में नहीं जानते हैं और यह कैसे उनकी त्वचा को प्रभावित करते हैं, विशेषकर महिलाओं के जीवन में विभिन्न चरणों जैसे पीरियड्स, गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान। इसके अलावा, तनाव, गर्भनिरोधक दवाएं और जीवनशैली भी त्वचा और हार्मोन पर प्रभाव डालते हैं।


हार्मोन की भूमिका

हार्मोन क्या हैं?


हार्मोन प्राकृतिक रासायनिक तत्व होते हैं, जो एंडोक्राइन ग्रंथियों द्वारा निर्मित होते हैं। ये रक्त में मिलकर शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचते हैं और कोशिकाओं को विशेष कार्य करने का संकेत देते हैं। हार्मोन कई शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं, जैसे विकास, मेटाबोलिज्म, प्रजनन, मूड, नींद और भूख।


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त्वचा पर हार्मोन का प्रभाव



  • एस्ट्रोजन (Estrogen): यह महिलाओं का मुख्य हार्मोन है, जो त्वचा को नमी और लचीलापन प्रदान करता है। उम्र बढ़ने के साथ इसकी मात्रा घटती है, जिससे त्वचा पतली और झुर्रियों वाली हो जाती है।

  • टेस्टोस्टेरोन (Testosterone): यह पुरुषों का प्रमुख हार्मोन है, लेकिन महिलाओं में भी पाया जाता है। यह त्वचा में तेल उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे मुंहासे हो सकते हैं।

  • प्रोजेस्टेरोन (Progesterone): यह महिला हार्मोन है, जो पीरियड्स से पहले मुंहासे उत्पन्न कर सकता है।

  • कॉर्टिसोल (Cortisol): इसे 'तनाव हार्मोन' कहा जाता है। तनाव के समय यह हार्मोन बढ़ता है, जिससे त्वचा में सूजन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

  • थायरॉइड हार्मोन (Thyroid hormones): ये हार्मोन मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करते हैं। हाइपोथायरॉइडिज्म से त्वचा सूखी हो जाती है, जबकि हाइपरथायरॉइडिज्म से त्वचा तैलीय हो सकती है।

  • ग्रोथ हार्मोन (Growth Hormone): यह त्वचा में कोलेजन बढ़ाने में मदद करता है। उम्र के साथ इसका स्तर घटता है, जिससे त्वचा ढीली हो जाती है।


हार्मोनल असंतुलन और त्वचा

क्या हार्मोनल असंतुलन से त्वचा प्रभावित होती है?


बिल्कुल। जब शरीर में हार्मोन का स्तर असंतुलित होता है, तो यह त्वचा पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इसके लक्षणों में मुंहासे, अत्यधिक सूखी या तैलीय त्वचा, त्वचा का रंग बदलना, और बालों का झड़ना शामिल हैं।


महिलाओं में हार्मोनल बदलाव

महिलाएं अपने जीवन में कई चरणों से गुजरती हैं, जैसे पीरियड्स, गर्भावस्था, और मेनोपॉज, जब हार्मोन में तेजी से बदलाव होते हैं।


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  • मासिक चक्र: हर महीने एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बदलता है, जिससे त्वचा पर प्रभाव पड़ता है। पहले 14 दिन में एस्ट्रोजन बढ़ता है, जिससे त्वचा साफ और चमकदार होती है। वहीं, अंतिम 14 दिन में प्रोजेस्टेरोन बढ़ता है, जिससे त्वचा तैलीय हो सकती है।

  • क्या करें?


त्वचा की जरूरतों के अनुसार लचीलापन बरतें। तैलीय दिनों में हल्का फेस वॉश और ऑयल-फ्री मॉइश्चराइजर का उपयोग करें।



  • गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान हार्मोन का स्तर तेजी से बढ़ता है, जिससे त्वचा पर प्रभाव पड़ता है।

  • क्या करें?


जेंटल क्लींजर और मॉइश्चराइजर का उपयोग करें, रोजाना SPF 30+ सनस्क्रीन लगाएं।



  • बच्चे के जन्म के बाद: हार्मोन में अचानक गिरावट से त्वचा में बदलाव आते हैं।

  • क्या करें?


धीरे-धीरे स्किनकेयर में बदलाव लाएं, अच्छी डाइट लें और पर्याप्त पानी पिएं।



  • मेनोपॉज: इस समय एस्ट्रोजन का स्तर गिरता है, जिससे त्वचा में बदलाव होते हैं।

  • क्या करें?


त्वचा को गहराई से मॉइश्चराइज करें और 30 SPF से ऊपर का सनस्क्रीन लगाएं।



  • गर्भनिरोधक दवाएं: कई महिलाएं हार्मोनल मुंहासों के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स लेती हैं।


तनाव और त्वचा

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तनाव और कॉर्टिसोल: आपकी त्वचा का दुश्मन


जब आप लगातार तनाव में रहते हैं, तो शरीर कॉर्टिसोल हार्मोन का अधिक उत्पादन करता है। यह त्वचा पर मुंहासे, जलन और सूखापन जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।


तनाव कम करने के उपाय

  • रोजाना कुछ समय मेडिटेशन या योग के लिए निकालें।

  • पर्याप्त नींद लें (7–8 घंटे)।

  • सोशल मीडिया और नकारात्मक समाचारों से सीमित समय तक जुड़े रहें।

  • परिवार और दोस्तों से बातचीत करें।

  • व्यायाम करें, इससे एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है।


हार्मोन आपके शरीर की आंतरिक भाषा हैं, और त्वचा इस संवाद का आईना है। यदि आप त्वचा में बार-बार बदलावों से परेशान हैं, तो केवल क्रीम बदलने के बजाय, अपने हार्मोन को समझने का प्रयास करें। सही आहार, संतुलित जीवनशैली, योग और प्राकृतिक उपायों से आप अपनी त्वचा और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।


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